रविवार, 25 मई 2025

ब्लॉगर फ्रेंडली आर्टिकल: लौट रहा है कोरोना – एशिया में फिर बढ़ने लगे कोविड-19 के मामले

दुनिया कोविड-19 से ठीक से उभर भी नहीं पाती कि इसके मामले फिर से बढ़ने लगते हैं इस बार एशिया के कई देशों में ऐसा हो रहा है सिंगापुर हांगकांग चाइना थाईलैंड जैसे देशों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं 


📊 सिंगापुर और हांगकांग में क्या हालात हैं?
सिंगापुर की बात करें तो अप्रैल के आखिरी हफ्ते में यहां कोविड-19 के 11,100 मामले थे मई के शुरुआत में यह मामले बढ़कर 14,200 से ज्यादा हो गए यानी एक हफ्ते के भीतर 28% की बढ़ोतरी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी 30% तक बढ़ गई हालांकि राहत की बात यह है कि गंभीर मरीजों की संख्या कम हुई है वहीं हांगकांग में 4 मई से 10 मई के बीच यानी एक हफ्ते में कोविड-19 के 1042 मामले दर्ज किए गए हैं ये मामले इससे पिछले हफ्ते 972 थे मार्च के शुरुआत में हांगकांग में हर हफ्ते बहुत ही कम सिर्फ 33 केस सामने आ रहे थे लेकिन धीरे-धीरे कोविड-19 के मामलों की संख्या बढ़ने लगी और अब मई में हर हफ्ते हजार के करीबन मामले सामने आ रहे हैं ये मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं इसी तरह चाइना और थाईलैंड में भी कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं इन देशों की सरकारें कोविड के बढ़ते मामलों पर नजर रखे हुए हैं

 भारत में क्या स्थिति है?
 जहां तक भारत का सवाल है तो मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के कोविड-19 डैशबोर्ड के मुताबिक अभी यानी 19 मई के हिसाब से  देश में कोरोना वायरस के 257 एक्टिव मामले हैं बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शिरोडकर और सनराइज़र्स हैदराबाद के बैटल ट्रेवस हेड को भी कोविड-19 हो गया है

डेल्टा वेरिएंट से अंतर:
 लेकिन क्या कोविड-19 के ये मामले और बढ़ सकते हैं क्या जो दौर हम कुछ साल पहले देख चुके हैं वो वापस आ सकता है क्या जिन लोगों को वैक्सीन लगी हुई है उन्हें डरने की जरूरत है ये सब जानेंगे  अवल तो डॉक्टर से समझेंगे कि सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में कोविड-19 के मामले क्यों बढ़ रहे हैं इसके पीछे कौन सा वेरिएंट है फिर जानेंगे कि क्या भारत में भी कोविड-19 की लहर आ सकती है हम बचे रहें इसके लिए क्या सावधानियां बरतना जरूरी है और जिन लोगों को वैक्सीन और बूस्टर डोज़ लग चुकी है क्या उनके लिए कोई चिंता की बात है सुनिए उसके प्रति दो कारण है एक है ह्यूमन फैक्टर दूसरा है वायरस फैक्टर जैसे हम लोगों को वैक्सीन लगी थी पांच साल पहले
हमें इनफेक्शंस हुए थे पांच साल पहले और जिसके अगेंस्ट हुए थे वो मेनली डेल्टा स्टेन थी इस समय हमारी स्टेन भी नई आ गई है काफी चेंजेस आ गए हैं तो एक्सपेक्टेड है हमारी एंटीबॉडीज जो है वीन ऑफ हो गई जबएंटीबॉडीज विन ऑफ हो गई तो हम नए-नए वायरसेस के लिए वलनेरेबल है और रही बात  वायरसेस की तो वायरसेस अपने आप को काफी हद तक चेंज कर चुके हैं और ये जो इस समय प्रेजेंट वायरस है ये बहुत ज्यादा डेडली नहीं है जब डेडली नहीं है होस्ट की डेथ नहीं होती तो होस्ट वायरसेस को ज्यादा स्प्रेड करता है तो काफी ज्यादा चेंजेस आने की वजह से जो हमारी एंटीबॉडी जो बनी थी अगर हम मान भी ले किसी के अंदर काफी एंटीबॉडीज हैं वो सफल नहीं होंगी इस वायरस को रोकने के लिए जो हांगकांग और सिंगापुर में जो वायरसेस है वो मेनली जेएन पॉइंट1 सबस्ट्रेन के फर्दर स्ट्रेंस हैं जैसे एलएफ 7 हो गई आपकी एनबी.1.8 हो गई यह सब स्ट्रेंस कुछ ही टाइम पहले उजागर हुई है यह तेजी से फैलती हैं दूसरा इनके जो लक्षण है वो एक आम वायरस से मिलते जुलते हैं जैसे खांसी जुकाम होना नाक बंद होना कई पेशेंट्स को लूज मोशन होना पेट में दर्द होना इनके जो मुख्य डिफरेंस है जो हम पुरानी स्ट्रेंस की बात करें डेल्टा स्टन से जिसमें निमोनिया मुख्य लक्षण था और वो कम देखा गया है हम लोगों को पांच साल पहले इनफेक्शन हुए थे हमें जो वैक्सीनेशन लगी थी वो चार साल पहले लगी थी काफी हाई चांसेस है एंटीबॉडीज विन ऑफ हो गई होगी तो यहां पर इनफेक्शन आ सकता है फैल सकता है हमारी पापुलेशन काफी डेंस है काफी क्लोजली रहती है तो बहुत चांसेस हैं ये स्प्रेड हो सकता है एक ही नेगेटिव फैक्टर है क्योंकि इस समय बहुत गर्मियां चल रही है और हाइट और पीक ऑफ गर्मी में इनफेक्शंस वायरल इनफेक्शन थोड़ा कम फैलते हैं मुख्य देखा जाए तो यह बड़े आम लक्षण प्रोड्यूस करते हैं जान लेवा निमोनिया नहीं प्रोड्यूस करता फिर भी हमें एक साल से कम के बच्चों में और 65 साल के ऊपर के लोगों में खासकर जिनके अंदर कोमोबिडिटीज है लाइक डायबिटीज है हाइपरटेंशन है ऑलरेडी निमोनिया है सीओपीडी है पहले से ही इम्यूनिटी कम है इन पेशेंट्स में
वनरेबिलिटी थोड़ी सी ज्यादा है ऐसी जगह पे जहां पे ऐसे बुजुर्ग रह रहे हैं ऐसे पेशेंट्स रह रहे हैं हमें थोड़ी सावधानी रखनी है मास्क लगा सकते हैं आप जब घर के अंदर एंटर करें बार-बार हैंड हजीन जिसको हाथ साफ कर सकते हैं और इन जनरल अपने आप को थोड़ा दूर रख सकते हैं ऐसी वलनेरेबल पापुलेशन से अदरवाइज कुछ ज्यादा सावधानियां या घबराने की जरूरत नहीं है वो वाला एरा जो हमने 5 साल पहले वो वाला मंजस जो 5 साल पहले देखा था चांसेस कम है वो वापस दोहराया जाए


🧪 क्या वैक्सीन असरदार है अभी भी?
 वैक्सीन का जो प्रेजेंट वैक्सीन है वो पुरानी जनरेशन पर बेस्ड है तो उनकी कोईेंस नहीं है वनरेबल पपुलेशन में अगर हम नई जनरेशन के वैक्सीन इजात कर पाते हैं तो थोड़ा बहुत फायदा हो सकता है जैसे मैंने आपको बताया इसका लक्षण इसके जो सिम्टम्स है वैसे भी बहुत ज्यादा घातक नहीं है तो मेरे हिसाब से वैक्सीन पे इन्वेस्ट करना
या वैक्सीन लगाना कोई फायदेमंद सौदा नहीं है देखिए अभी 

बचाव के तरीके – अभी क्या करें?
भारत में मामले नहीं बढ़ रहे हैं इसलिए फिलहाल हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर आपको सांस से जुड़ा कोई इंफेक्शन हो गया है जिसके लक्षण कोविड-19 से मिलते जुलते हैं तो आप तुरंत मास्क लगाएं और डॉक्टर से मिलें अपना पूरा इलाज कराएं घर पर आइसोलेट रहें ताकि इनफेक्शन दूसरों में ना फैले |

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