हाउसफुल 5 A एक ऐसी सी फिल्म है जो सिनेमाघर में एक नया रंग ले कर आई है पहली बार किसी के दो रूप देखा है | हाउसफुल5Aऔर हाउसफुल 5B के एक साथ सेनीमाघर में रिलीज़ किया गया है। फिल्म की कहनीं एक जैसी है। लकिन लास्ट में अलग अलग जिससे लोगो को एक नया अनुव्हब मिलता है।
फिल्म की कहानी होती ह लंदन में रहने वाला एक अमीर आदमी के जन्मदिन से जो आपने जीवन के 1०० इयर्स पूरा कर रहा है। इस मौके पर एक शानदार पार्टी का आयोजनं किया गया है। जिससे दुनिया भर के सरे मेहमान आया होता है। इस पार्टी में पहली बार उससे दूसरी बेटे को दुनिया के सामने लाया जाना है। लकिन यही से कहानी बदल जाती है। और वह एक नहीं तीन जॉली सामने आता hai। जॉली १ , जॉली २ , जॉली ३। अब सवाल यह आता ह की इन में से असली बेटा कौंन है।
रोमांच का तरका
फिल्म एक हलकी फुलकी कॉमडी के साथ सुरु होती है। लेकिन धीरे धीरे यह एक सस्पेंस में बदल जाती है। जहाज पर एक लाश मिलती है। सक क़ी सुई सभी किरदार पर घूमती है। सबसे चौकाने वाली बात यह है क़ी हतयारा उसी पार्टी का हिस्सा है।
और दूसरी क़ी तरह मासूम दिखता है।
फिल्म का सस्पेंस आखिर तक बना रहता है अंत में जो खुलासा होता है ,वह ;ोगो को चौका देता है यह टिउस्टे दोनों वर्शन में अलग अलग दिखया गया है , जिससे लोगो को दो अलग फीलिंग मिलते है।
कालाकारों का एक्टिंग
अक्षय कुमार ने हमेशा के तरह सुपर एक्टिंग और एनेर्जी के साथ आपने किरदार को निभाया है। कुछ जगह उनकी टाइमिंग बहुत जहा ाची रही , वही संजय दत्त और जैकी श्रॉफ जैसा बड़ा कलाकार को फिल्म में खास अंदाज में पेस किया गया है। हलाकि उनका किरदार को और अच्छा तरीका से लिख सकते थे।
फिल्म की अन्य कलाकार, खासकर लेडीज किरदार स्क्रीन पर बहुत अच्छा तरीका से दिखत है , लकिन उनकी भूमिका को और बहुत ाचा तरीका से दिखाने के जरुरत थी।
गाना और तकनिकी
फिल्म में बैकग्राउंड म्यूजिक सस्पेंस को बनाया रखने का काम करती है। बैकग्राउंड स्कोर उसे और रोमांचक बना देता है। गीत संगीत
सामान्य है - कुछ गाने अच्छा है , लकिन उन्हे कहानी में अचानक शामिल कर दिया गया है जिससे फील के गति थोड़ी धीमा लगती है।
कमजोर हिस्सा
फिल्म के duration ( 2 घंटे 45 min ) थोड़ा ज्यादा मासूस होता है खासकर पहले हाफ में कुछ सीन गैरजरूरी लगता है।
कुछ जगह पर कॉमडी का हिस्सा हल्का हो जाता है जिसे और अच्छा तरकिए से दिखाया जा सकता था।
कुछ किरदार की स्क्रीन प्रॉसेस सिमित रही है , जिससे व लोगो पर खास अत्तातिओं नहीं छोर पाते।
फिल्म के एडवांटेज
डबल एंडिंग ट्विस्ट: फिल्म के दो वर्शन अलग अलग किलर का खुलासा किया गया है, जो इसे नया अनुभव बनता है।
अक्षय कुमार की परफॉर्मेंस: उनकी टाइमिंग और स्क्रीन प्रेजेंस फिल्म की जान है।
सस्पेंस और मिस्ट्री: कहानी में जो सस्पेंस और थिराल गया है , वह दर्शको के अंत तक बांध रखता है
फॅमिली के साथ देख सकते है ?
फिल्म के बहुत हिस्सा पारिवारिक है , और इन फिल्मो के साथ देखा जा सकते है। हलाकि , कुछ हिस्सा संवाद जैसा लगता है।
लकिन कहि भी असभ्यता नहीं दिखाया गए है।
5A बनाम 5B – कौन सा चुनें?
दोनों वर्शन लगभग 80% एक जैसी है , बस आखिर 10 min की एक्टिंग अलग है। यदि आप फिल्म का दूसरा वर्शन देखना
चाहते है , तो दोनों वर्शन देखने का ऑप्शन है। लकिन एक वर्शन ही दोनों फिल्म को समझने के लिया काफी है।
रेटिंग: 2.5/5 स्टार
प्लस पॉइंट्स: अनप्रेडिक्टेबल एंडिंग , अक्षय कुमार की परफॉर्मेंस, नई कहानी प्रस्तुति
माइनस पॉइंट्स : कॉमडी का हिस्सा गिरना , लम्बी बहुत ज्यादा कुछ किरदार का अधूरा उपयोग।
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