GST जिसको (Goods and Services Tax) बोलते है। आम तौर पर ये किसी चीज़ को खरीदने याह फिर कोई सेवा का उपयोग करने में जो हम सरकार को चुकाते हैं, उसको ही GST बोलते हैं।। पहले अलग-अलग तरह के टैक्स लिए जाते थे। पर अब हर जगह एक ही चीज़ को लागू किया गया है।। 1 जुलाई 2017 से ये लागु हुआआ है(Goods and Services Tax)। हर ज के लिए अलग-अलग टैक्स लगाए गए हैं; सबके परसेंज अलग-अलग हैं।
GST ke slabs (new rates)
अब जो हम बात करेंगे वो नए Rates के बारे में है कि 22 सितम्बर से जो नए नियम आए हैं वो क्या-क्या हैं और कितना-कितना किस-किस सामान पे लग रहा है।
जैसे पहले बात करे daily use के सामान की या फिर दवाइयाँ, अनाज, किताबें—ये सब कुछ तो इनपे 5% Slab है, सब जरुरी चीज़ो पे। वही फोन कपड़े, इन सब पे 12 स्लैब हैं।। (service), electronics, घर के कई सामान की बात करे तो 18% Slab है और costly items की बात करे तो जैसे गाड़ियाँ, AC, फ्रिज, इनपे 28% Slab है। ये सब तो हुई जो हम डेली इन सबको अपने प्रयोग में लाते हैं।।
40% Sin Tax Slab इसके बारे में जानिए क्यों की ये जो चीज़ है इनपे सरकार ने बढ़ाया हुआ है टेक्स जैसे शराब, तंबाकू, पान मसाला, ऑनलाइन जुआ/गैंबलिंग जिससे लोग इन सब का काम इस्तमाल करेंगे।
GST Slab |
Applicable Items / Services |
Notes |
|---|---|---|
5% |
Essential items, basic necessities, food grains, sugar, spices, etc. |
Low rate to reduce burden on common man |
12% |
Processed food, computers, frozen vegetables, small household items |
Moderate rate |
18% |
Most goods & services like phones, soaps, cosmetics, restaurants |
Standard rate |
28% |
Luxury items, cars, ACs, high-end electronics |
Highest rate for luxury goods |
40% (Sin Tax) |
Alcohol, tobacco, online gambling |
Special tax to reduce consumption |
GST ke benefits
GST का सबसे बड़ा बेनिफिट ये हुआ है की जितने ही अलग अलग टेक्स हुआ करते थे अब वो सब एक हो गए है। आसान भाषा बुसिनेस्सेस के लिया एकाउंटिंग और टैक्स फिलिंग इजी हो गया है
Double Taxation end
पहले लोह हर प्रोडक्ट पे अलग अलग स्टेट और सेंट्रल गोवेर्मेंट टैक्स लगता थे अब वो बंद हो गया है GST के द्वारा एक ही टैक्स लगता है। जिससे सबको आराम मिला है।
Prices की Transparency
इससे कंस्यूमर को हेल्प मिलता है समझने में की कितना प्राइज है प्रोडक्ट का जितने भी हिडन टैक्स थे सब ख़तम हो चूका है अब जितना है बस उतना ही देना है।
GST registration किसके पास होना चहिये
अगर वही बात करे इसके रजिस्ट्रेशन की तो कुछ नियम है जो लागु होते है। जैसे की
1 अगर आपका बिज़नेस का टर्नओवर ₹20 लाख से ज्यादा है तो आपको GST की रजिस्ट्रेशन की जरूरत पड़ेगी।
2 वही आप ऑनलाइन सेल्ल करते हो तभी भी आपको इसकी जरूरत होंगे।
3 अलग अलग स्टेट में भी अगर सर्विस दे रहे हो तो भी आपको GST चहिये।
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